India's Top Most Beautiful Places
जोधपुर
अक्टूबर-नवंबर के दौरान जोधपुर घूमने के
लिए सबसे बढ़िया वक्त है क्योंकि इस वक्त न तो सूरज की तेज़ तपिश होती है न
ही सर्द हवाओं कि ठिठुरन. गुलाबी ठंड जैसे खुशगवार मौसम में डेज़र्ट
सफारी, किलों की सैर और यहां के तीखे-चटपटे पकवानों का लुत्फ उठाने का अलग
मज़ा है। यहां मौजूद मेहरानगढ़ किले में 'वीर', 'डोर', 'आवारपन', 'शुद्ध
देसी रोमांस', 'द डार्क नाइट राइजेज' समेत कई फिल्मों की शूटिंग हो चुकी
है। अक्टूबर में यहां होने वाला राजस्थान इंटरनेशनल फोक फेस्टिवल दुनियाभर
में मशहूर है।
वर्कला, दक्षिणी केरल में ऐसी एकमात्र जगह है जहां ऊंची चट्टानें अरब सागर
से सटे मिलती हैं। यानी यहां पर्वत और सागर का लुत्फ एक साथ उठाया जा सकता
है। यह सन बाथिंग और स्विमिंग के लिए बेस्ट स्पॉट है। लोग यहां वाटर
स्पोर्ट्स और स्पा के मज़े लेने भी आते हैं। इसे पापनाशम बीच भी कहते हैं
क्योंकि पहले यह जगह एक हिंदू प्रथा की वजह से भी प्रसिद्ध थी। सूर्यास्त
के वक्त यहां के बीच पर मनोरम दृश्य देखने को मिलते हैं।
दार्जलिंग
उत्तरी पश्चिम बंगाल में मौजूद दार्जलिंग को पहाड़ों की रानी भी कहा जाता
है। चाय के बगान, मोनास्ट्रीज़, टॉय ट्रेन की सवारी, ब्रिटिश काल का
आर्किटेक्चर, रॉक गार्डेन और बर्फ की चादर में लिपटा कंचनजंगा पर्वत इस जगह
को बेस्ट हॉलीडे डेस्टिनेशन बनाते हैं।
पचमढ़ी
म.प्र. के होशंगाबाद जिले में स्थित पचमढ़ी 1067 मीटर ऊंचाई पर स्थित है।
यहां का तापमान सर्दियों में 4.5 डिग्री से. तथा गर्मियों में अधिकतम 35
डिग्री से. होता है। यह मध्यप्रदेश का एकमात्र हिल स्टेशन है। यहां की
विशेषता है कि आप यहां वर्ष भर किसी भी मौसम में जा सकते हैं। सतपुड़ा
श्रेणियों के बीच स्थित होने के कारण और अपने सुंदर स्थलों के कारण इसे
सतपुड़ा की रानी भी कहा जाता है। यहां बसे घने जंगल, मदमाते जलप्रपात और
पवित्र निर्मल तालाब हैं। यहां की गुफाएं पुरातात्विक महत्व की हैं क्योंकि
यहां गुफाओं में शैलचित्र भी मिले हैं। यहां की प्राकृतिक संपदा को पचमढ़ी
राष्ट्रीय उद्यान के रूप में संजोया गया है।
हम्पी कर्नाटक
जब आप हम्पी का नाम सुनते हैं, तो आप तुरंत प्रसिद्ध अवशेषों के बीच
विजयनगर के विशाल शहर की सुंदर वास्तुकला के बारे में सोचते हैं। विजयनगर
साम्राज्य की राजधानी और शान से होयसल की परंपरागत वास्तुकला शैली को
प्रदर्शित करता विजयनगर या हम्पी पत्थर की एक गाथा है।यहां सैलानियों के
देखने लायक 500 से भी अधिक स्थान हैं और इनमें से 100 से भी अधिक स्थान हर
साल हजारों सैलानियों को आकर्षित करते हैं। विट्ठल मंदिर का पत्थर का रथ
विजयनगर के राजाओं की नक्काशीदार चट्टानों की परंपरा के प्रतीक के रुप में
खड़ा है और राज्य के पर्यटन विभाग द्वारा अपने प्रतीक के रूप में अपनाया
गया है।
0 comments:
Post a Comment