Tips For Sex Power Increase In Hindi
हमारे भारत की प्राचीन विधा जिसे हम योगा के नाम से जानते हैं| रोजाना आप
एक घंटा योगा का अभ्यास करके अपने मस्तिक और शरीर के लग भग सभी functions
सही कर सकते हैं योगा आपके शरीर में सकारात्मक उर्जा का संचार करती है
जिसे की आपके शरीर में स्वास्थ्य और नव उर्जा का संचार होता है यहाँ कुछ
जरुरी योगा आसन बताये जायेंगे जो की आपकी शिघ्रपतन और मर्दाना कमजोरी की
समस्या को जड़ से दूर कर देंगे| इनका रोजाना आपको कुछ देर अभ्यास करना होगा
1. संभोग करने के तीन घंटे पूर्व अन्न और जल त्याग दें।
2. हर दम पेट साफ रखें।
2. हर दम पेट साफ रखें।
3. किशमिश और अखरोट खाएं।
4. प्रतिदिन प्रात: थोड़ी सी कसरत करें।
5. प्रतिदिन प्रात: 10 मिनट का ध्यान करें।
4. प्रतिदिन प्रात: थोड़ी सी कसरत करें।
5. प्रतिदिन प्रात: 10 मिनट का ध्यान करें।
6. संभोग की प्रक्रिया शुरू करने के बाद बीच-बीच में रुकें और फिर शुरू करें।
7. फोरप्ले में ज्यादा वक्त गुजारे। सेक्स संबंध बनाने में कोई जल्दबाजी न करें।
8. सेक्स के समय मन में किसी तरह का भय, चिंता, घबराहट नहीं होना चाहिए।
9.सेक्स से पहले कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिससे शरीर.
8. सेक्स के समय मन में किसी तरह का भय, चिंता, घबराहट नहीं होना चाहिए।
9.सेक्स से पहले कोई भी ऐसी चीज न खाएं जिससे शरीर.
स्वप्नदोष,शीघ्रपतन,नपुंसकता की योग चिकित्सा
1. वज्रोली क्रिया :
********************** जब भी मूत्र त्याग करे तब एकदम से मूत्र को रोक ले .कुछ सेकेण्ड रोकें ..फिर नाड़ियों को ढीला छोड़ें और मूत्र निकलने दे ..पुनः रोके इस तरह मूत्र त्याग के दौरान कई बार इस क्रिया को करें | इस क्रिया के द्वारा नाड़ियों में शक्ति आएगी .फिर वीर्य के स्खलन को भी आप कंट्रोल कर सकेंगे | हमारा मस्तिष्क मूत्र त्याग व वीर्य स्खलन में भेद नही कर सकता ….यही कारण है कि इस क्रिया द्वारा स्खलन के समय में उसी अनुपात में बढ़ोत्तरी होती है जिस अनुपात में आप मूत्र त्याग के समय कंट्रोल कर लेते है |
********************** जब भी मूत्र त्याग करे तब एकदम से मूत्र को रोक ले .कुछ सेकेण्ड रोकें ..फिर नाड़ियों को ढीला छोड़ें और मूत्र निकलने दे ..पुनः रोके इस तरह मूत्र त्याग के दौरान कई बार इस क्रिया को करें | इस क्रिया के द्वारा नाड़ियों में शक्ति आएगी .फिर वीर्य के स्खलन को भी आप कंट्रोल कर सकेंगे | हमारा मस्तिष्क मूत्र त्याग व वीर्य स्खलन में भेद नही कर सकता ….यही कारण है कि इस क्रिया द्वारा स्खलन के समय में उसी अनुपात में बढ़ोत्तरी होती है जिस अनुपात में आप मूत्र त्याग के समय कंट्रोल कर लेते है |
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लाभ :
1- इस प्राणायाम से मन की चंचलता दूर होकर वृत्ति निरोध होता है |
2- इससे बुद्धि सूक्ष्म एवं तीव्र होता है |
3- वीर्य स्थिर होकर स्वप्नदोष और शीघ्रपतन छुटकारा मिलता है |
विधि :
किसी भी ध्यानात्मक आसन में बैठकर पूरी शक्ति से श्वास को एक बार में ही बाहर निकल दें |श्वास को बाहर निकालकर मूलबंध (गुदा द्वार को संकुचित करें) और उड्डीयान बंध (पेट को यथाशक्ति अंदर सिकोड़ें) लगाकर आराम से जितनी देर रोकसकें,श्वास को बाहर ही रोककर रखें
जब श्वास अधिक समय तक बाहर न रुक सके तब बंधों को खोलकर धीरे-धीरे श्वासको अंदर भरें यह एक चक्र पूरा हुआ |श्वास भीतर लेने के बाद बिना रोके पुनः बाहर निकालकर पहले की तरह बाहर हीरोककर रखें इस प्रकार 3 से २१ चक्र किये जा सकते है
सावधानी :
यह प्राणायाम प्रातः खाली पेट करें श्वास बाहर इतना नही रोकना चाहिए कि लेते समय झटके से श्वास अंदर जाए औरउखड़े हुए श्वास को 5-6 सामान्य श्वास लेकर ठीक करना पड़े प्राणायाम के 30 मिनट बाद ही कुछ खाएं – पियें
लाभ :
1- इस मुद्रा के निंरतर अभ्यास से गुदा के सभी रोग ठीक हो जाते हैं।
2- शरीर में ताकत बढ़ती है तथा इस मुद्रा को करने से उम्र लंबी होती है।
3- माना जाता है कि इस मुद्रा से कुण्डलिनी का जागरण भी होता है।
4- यह मुद्रा शीघ्रपतन रोकने का अचूक इलाज है |
5- अश्वनी मुद्रा से नपुंसकता दूर होती है |
विधि : कगासन में बैठकर (टॉयलैट में बैठने जैसी अवस्था) गुदाद्वार को अंदर
खिंचकर मूलबंध की स्थिति में कुछ देर तक रहें और फिर ढीला कर दें। पुन:अंदर खिंचकर पुन: छोड़ दें। यह प्रक्रिया यथा संभव अनुसार करते रहें औरफिर कुछ देर आरामपूर्वक बैठ जाएं। विशेषयह क्रिया दिन में कई बार करें, एक बार में कम-से-कम 50 बार अश्वनी मुद्रा करें
सही इलाज के लिए नीचे लिंक पर क्लिक करे
ReplyDeleteशीघ्रपतन का इलाज
जल्दी जड़ने का इलाज
मर्दाना कमज़ोरी का इलाज