Monday, September 5, 2016

Easy Treatment Of Piria- पायरिया के लक्षण कारण और उपचार

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Easy Treatment Of Piria- पायरिया के लक्षण कारण और उपचार

पायरिया की क्या है

आज के टाइम में हर तीसरे वयक्ति को पायरिया है पायरिया को आम बीमारी न समझे और समय रहते इसका इलाज करवाये पायरिया दाँतों की एक गंभीर बीमारी होती है जो दाँतों के आसपास की मांसपेशियों को संक्रमित करके उन्हें हानि पहुँचाती है। यह बीमारी स्वास्थ्य से जुड़े अनेक कारणों से होती है, और सिर्फ दांतों से जुड़ी समस्याओं तक सीमित नहीं होतीं। यह बीमारी दाँतों और मसूड़ों पर निर्मित हो रहे जीवाणुओं के कारण होती है।

पायरिया के लक्षण और कारण क्या है

नियमित आहार और दाँतों की रक्षा में रुक्षांस की कमी या पूर्ण रूप से अभाव, दाँतों में खान पान के कण अटकना और दाँतों का सड़ना, दाँतों पर अत्यधिक मैल जमना, मुँह से दुर्गन्ध का निकलना और मुँह में अरुचिकर स्वाद का निर्माण होना, जीवाणुओं का पसरण, मसूड़ों में जलन का एहसास होना और छालों का निर्माण होना, जरा सा छूने पर भी मसूड़ों से रक्तस्राव होना इत्यादि पायरिया के लक्षण होते हैं।

Easy Treatment Of Piria- पायरिया के लक्षण कारण और उपचार

पायरिया के आयुर्वेदिक उपचार

  • नीम के पत्तों की राख में कोयले का चूरा और कपूर मिलाकर रोज़ रात को लगाकर सोने से पायरिया में लाभ होता है।
  • सरसों के तेल में सेंधा नमक मिलाकर दांतों पर लगाने से दांतों से निकलती हुई दुर्गन्ध और रक्त बंद होकर दांत मज़बूत होते हैं और पायरिया जड़मूल से निकल जाता है। साथ में त्रिफला गुग्गल की 1 से 3 दिन में तीन बार लें और रात में 1 से 3 ग्राम त्रिफला का सेवन करें।
  • अपने दाँत नीम के दातुन से ब्रश करें।
  • दशना संस्कार चूर्ण पायरिया के उपचार के लिए एक बहुत ही प्रचलित औषधि है। यह पाउडर मसूड़ों से रक्तस्राव और पस के निर्माण पर नियंत्रण रखता है, और मुँह से दुर्गन्ध हटाने में भी सहायता करता है।पायरिया ख़त्म होने के बाद भी इसका प्रयोग जारी रखने की सलाह दी जाती है।इस पाउडर से दाँतों को सौम्य ब्रश से साफ़ करना चाहिए, या तर्जनी (ऊँगली) का भी इस्तेमाल कर सकते हैं।
  • कच्चे अमरुद पर थोडा सा नमक लगाकर खाने से भी पायरिया के उपचार में सहायता मिलती है, क्योंकि यह विटामिन सी का उम्दा स्रोत होता है जो दाँतों के लिए लाभकारी सिद्ध होता है।
  • घी में कपूर मिलाकर दाँतों पर मलने से भी पायरिया मिटाने में सहायता मिलती है।
  • काली मिर्च के चूरे में थोडा सा नमक मिलाकर दाँतों पर मलने से भी पायरिया के रोग से छुटकारा पाने के लिए काफी मदद मिलती है।
  • 200 मिलीलीटर अरंडी का तेल, 5 ग्राम कपूर, और 100 मिलीलीटर शहद को अच्छी तरह मिला दें, और इस मिश्रण को एक कटोरी में रखकर उसमे नीम के दातुन को डुबोकर दाँतों पर मलें और ऐसा कई दिनों तक करें। यह भी पायरिया को दूर करने के लिए एक उत्तम उपचार माना जाता है।

पायरिया क्या करें क्या न करें

  • कब्ज़ियत से बचें। गर्म पानी में एप्सम सॉल्ट मिलाकर नहाने की भी सलाह दी जाती है।
  • दिन में दो बार दाँतों को सही और नियमित रूप से ब्रश करना बहुत ज़रूरी होता है। 
  • शरीर में मौजूद विषैले तत्वों के निष्काशन के लिए पानी का सेवन भरपूर मात्रा में करें। 
  • विटामिन सी युक्त फल, जैसे कि आंवला, अमरुद, अनार, और संतरे का भी सेवन भरपूर मात्रा में करें।
  • पायरिया के इलाज के दौरान रोगी को मसाले रहित उबली सब्ज़ियों का ही सेवन करें।
  • नींबू का रस दाँतों पर मलने से भी काफी लाभ मिलता है। हालांकि शुरू में इसके प्रयोग से जलन महसूस होती है लेकिन बाद में काफी आरामदेह और लाभकारी साबित होता है।
  • मसालेदार खान पान, जंक फ़ूड और डिब्बाबंद आहार का सेवन बिल्कुल भी न करें।
  • चीज़ और दूध के अन्य उत्पादनों का सेवन बिल्कुल भी न करें, क्योंकि इनका दाँतों से चिपकने का खतरा होता है, और जीवाणुओं के बढ़ने में सहायता करते हैं।
  • धूम्रपान और तम्बाकू के सेवन से भी बचें क्योंकि यह पायरिया की बीमारी को बढाते हैं।
  • आयुर्वेद के अनुसार पायरिया दाँतों की देखभाल में कमी, अस्वस्थ खान पान और पेट का अच्छी तरह से साफ़ न होने के कारण होता है। अतः इन कारणों से बचें।

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